इंडिया न्यूज़, Happy Lohri : लोहड़ी का पर्व सारे भारत में हर साल बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन बच्चे घर-घर जाकर लोहड़ी मांगते हैं और गाने गाते हैं। आज शुक्रवार यानि 13 जनवरी को लोहड़ी का पर्व मनाया जा रहा है। आज के दिन सभी लोगों के घर में आग जलाई जाती है और उसमे रेवड़ी और मूंगफली डालकर माथा टेका जाता है।लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है तो आइए जानते हैं :
सुख-समृद्धि व सौभाग्य का प्रतीक
लोहड़ी का पर्व सुख-समृद्धि व सौभाग्य का प्रतीक है। इस दिन अग्निदेव व महादेवी की पूजा का विधान है। लोहड़ी की रात अग्नि जलाकर उसकी परिक्रमा देने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं, महादेवी की पूजा करने से घर में सुख-शांति व समृद्धि बनी रहती है। लोहड़ी पर लोग सभी गिले शिकवे भूलकर एक-दूसरे के साथ त्योहार का आनंद लेते हैं। सभी एक जगह इकट्ठा होकर भांगड़ा, नृत्य करते हुए विशेष पकवानों के साथ सामूहिक भोजन करते हैं। लोहड़ी पर अग्नि में नई फसल को अर्पित करके भगवान को धन्यवाद अर्पित करते हैं। इस दिन भगवान सूर्यदेव की विशेष उपासना की जाती है।

आरोग्य का वरदान प्राप्त होता है
लोहड़ी के दौरान महिलाएं अपने बच्चों को आग तापती हैं। मान्यता है कि इससे बच्चों पर कोई संकट नहीं आता और वह स्वस्थ रहते हैं। लोहड़ी पर महिलाएं पारंपरिक गीत गाती हैं और उत्साह बढ़ाती हैं। नवविवाहित जोड़े घर के बड़े-बुजुर्गों से आशिर्वाद लेते हैं, इससे आरोग्य का वरदान प्राप्त होता है।
रेवड़ी, गजक और मूंगफलियों का महत्व
लोहड़ी का पर्व कृषि, प्रकृति व किसानों से जुड़ा हुआ है। इस दिन किसान फसलों की कटाई करके नई फसल की बुबाई शुरू करते हैं। इसलिए लोहड़ी पर आग में मूंगफली, रेवड़ी, गजक आदि अर्पित करते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह भोग सीधा भगवान को समर्पित होता है। इससे अग्निदेव व अन्नदेवता प्रसन्न होते हैं और सभी के जीवन में धन संपदा बनाकर रखते हैं। लोग इस दिन अग्निदेव से अच्छी फसल की कामना करते हैं।
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