इंडिया न्यूज, Haryana News (Lumpy Skin Disease) : हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल (Chief Secretary Sanjeev Kaushal) ने कहा कि प्रदेश में गौ-वंश में लम्पी स्किन बीमारी की रोकथाम और नियंत्रण के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। सभी पशुओं में अगले 7 दिनों तक शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन कर लिया जाएगा।
इस समय प्रदेश में 3 लाख डोज उपलब्ध हैं, जिन्हें 2 दिन में उपयोग कर लिया जाएगा। इसके अलावा, आगामी सप्ताह में 5 लाख डोज और उपलब्ध हो जाएंगी। मुख्य सचिव ने आज लम्पी स्किन बीमारी की रोकथाम को लेकर वीडिओ कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला उपायुक्तों के साथ अहम बैठक की।
Lumpy Skin Disease वैक्सीनेशन में की जा रही तेजी

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि लम्पी स्किन बीमारी की रोकथाम के लिए वैक्शीनेशन तेजी से किया जाए। उन्होंने कहा कि लम्पी स्किन बीमारी के कारण भय का माहौल पैदा न होने दें। पशुपालन विभाग आज तुरंत प्रभाव से एडवाइजरी जारी करें और नागरिकों को अवगत कराएं कि लम्पी स्किन बीमारी से संक्रमित गायों का दूध भी इस्तेमाल किया जा सकता है। बशर्ते दूध को हमेशा उबालकर इस्तेमाल करें।
मरे पशुओं का निस्तारण पशुपालन विभाग द्वारा तय तरीके से ही करें
मुख्य सचिव ने कहा कि मरे हुए पशुओं का निस्तारण पशुपालन विभाग द्वारा तय तरीके से ही करें। 8 से 10 फुट का गड्ढा खोदकर ऐसे पशुओं को दबाया जाए। यह अवश्य ध्यान रखें कि किसी भी स्थिति में ऐसे पशुओं के शव को खुले में न छोड़ें।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि इस समय किसी भी पशु की मृत्यु होती है तो एहतियातन ऐसे पशुओं के शवों का निस्तारण भी इसी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाए। सभी गौशालाओं और गांवों में मक्खियों व मच्छरों के नियंत्रण के लिए फॉगिंग की जाए, क्योंकि ये भी लम्पी स्किन बीमारी को फैलाने में कारण बन रहे हैं। इसके साथ ही, गौशाओं में सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए।

पशुओं की अंतरराज्यीय और अंतर जिला आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए
संजीव कौशल ने जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए कि संबंधित जिलों में ग्वालों द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने वाली गायों की आवाजाही पर रोक लगाई जाए। अंतरराज्यीय और अंतर जिला आवाजाही पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए। इसके अलावा, पशु मेले के आयोजन और पशुओं की बिक्री इत्यादि पर भी पूरी तरह से रोक लगाई जाए।
उन्होंने निर्देश दिए कि जो पशु संक्रमित हो चुके हैं, उन्हें किसी अन्य सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए अतिरिक्त स्थान का चयन जल्द किया जाए, ताकि स्वस्थ पशुओं में इस बिमारी का प्रभाव न पड़े। उन्होंने कहा कि जिला उपायुक्त अपने-अपने जिलों में सख्त निगरानी सुनिश्चित करें कि किसी गौशाला या अन्य व्यक्ति द्वारा संक्रमित पशु को आवारा न छोड़ा जाए, ऐसी स्थिति में संक्रमण और अधिक फैल सकता है।
वैक्सीनेशन के लिए गौ-सेवा आयोग व गौ-रक्षकों का लें सहयोग
मुख्य सचिव ने कहा कि पशुओं में वैक्सीनेशन करने के लिए गौ-सेवा आयोग व गौ-रक्षकों का सहयोग भी लिया जाए। इसके अलावा, लाला लाजपतराय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, हिसार के फैकल्टी, विद्यार्थियों और इंटर्नस का भी सहयोग लिया जाए। उन्होंने कहा कि जनता में इस बीमारी से संबंधित किसी भी प्रकार की भ्रांति न फैले। इसके लिए जिला उपायुक्तों और पशुपालन विभाग द्वारा सही जानकारी लोगों तक पहुंचाई जाए।
किसानों के लिए एडवाइजरी जारी करें
मुख्य सचिव ने कहा कि विभाग तुरंत बीमारी की जानकारी, रोकथाम और पशुओं की देखभाल से संबंधित एडवाजरी जारी करें। उन्हें बताए कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। यह रोग गैर-जूनोटिक है यानी यह जानवरों से इंसानों में नहीं फैलता, इसलिए बिना किसी डर के अपने जानवरों की देखभाल करें। प्रभावित जानवरों को अन्य जानवरों से अलग करें।
8 जिले प्रभावित, 30225 पशु संक्रमित, 16939 पशु स्वस्थ
बैठक में मुख्य सचिव को अवगत कराया गया कि प्रदेश में लम्पी स्किन बीमारी से सबसे अधिक 8 जिले नामत: यमुनानगर, अंबाला, करनाल, सिरसा, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद, कैथल और पंचकूला प्रभावित हुए हैं। अभी तक 2419 गांवों में 30225 पशु संक्रमित हुए हैं। इनमें से 16939 पशु स्वस्थ हो चुके हैं और 211 की मृत्यु हुई है।
वर्तमान में 13265 सक्रिय मामले
वर्तमान में 13265 एक्टिव मामले हैं। प्रदेश में 19 लाख 32 हजार पशुधन हैं। इनकी वैक्सीनेशन की जाएगी। सर्वप्रथम जिस स्थान से संक्रमित पशु की सूचना प्राप्त होती है, उस स्थान के आस-पास के क्षेत्र में रिंग-वैक्सीनेशन अवधारणा के अनुरूप वैक्सीनेशन किया जाएगा और 3 एमएल डोज पशुओं को लगाई जाएगी। इसके अलावा, अन्य गांवों या क्षेत्र में 1 एमएल की डोज लगाई जाएगी।
बीमारी की रोकथाम से संबंधित जानकारी पोर्टल पर अपडेट करें अधिकारी
संजीव कौशल ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रभावित पशुओं का डाटा हर रोज अपडेट होना चाहिए। इसके अलावा जिन पशुओं की मौत हो रही है, उसका आंकड़ा भी तत्काल अपडेट होना चाहिए। साथ ही, वैक्सीनेशन की उपलब्ध्ताप और मांग की जानकारी भी पोर्टल पर रोजाना अपडेट की जाए।
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