Saturday, June 3, 2023
Homeहरियाणाफरीदाबादवृद्धाश्रम में रहने को मजबूर 3 अफसर बेटों की बुजुर्ग मां

वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर 3 अफसर बेटों की बुजुर्ग मां

Date:

फरीदाबाद/देवेंद्र कौशिक: चेहरे पर सिकन, आखों में आंसू, और मन में किसी बेटे के आने की उम्मीद, उम्मीद इस बात की भी कि 3 अफसर बेटों में से कोई आए और बूढ़ी मां को वृद्धाश्रम से घर ले जाए, कहानी फरीदाबाद एनआईटी क्षेत्र में बने ताऊ देवीलाल वृद्धाश्रम की है जहां बेटों की दी हुई सजा के तौर पर बुजुर्ग महिला रहने को मजबूर है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस महिला के तीन बेटे हैं, जिनमें से 2 बेटे देश के बड़े सरकारी अस्पताल में डॉक्टर हैं, तो एक बेटा इंजीनियर बताया जा रहा है, फिर भी तीन अफसर बेटों की मां का कहना है उसके बेटे और बहु ने पति के मरने पर चौथा भी नहीं किया और घर से धक्के मारकर बाहर निकाल दिया। फिर भी इस दुखियारी मां की दुआ है, बेटे खुश रहें

बहती आंखों से बुजुर्ग और बेबस एक और महिला कहती है कि उसे अपने घर की याद आती है, बेटे पैसे कमाने में लगे हैं, लेकिन मां के लिए कुछ नहीं, ऐसे ही मुज्जफरनगर के रहने वाले 100 साल से भी ज्यादा उम्र के बुजुर्ग का कहना है 84 के दंगों में पत्नी को खो दिया, फिर बेटों ने भी साथ छोड़ दिया।

वृद्धाश्रम के संचालक कृष्णलाल बजाज कहते हैं कि उनके पास 80 से ज्यादा बुजुर्ग हैं, लॉकडाउन के दौरान इस संख्या में इजाफा हुआ है, इससे पहले करीब 60 बुजुर्ग वृद्धाश्रम में रहते थे

बजाज की लोगों से अपील है विदेशों की संस्कृति को ना अपनायें, अपने माता पिता को आखिरी सांस तक अपने पास रखें। सरकार पैरंट्स एंड सीनियर सिटीजन एक्ट के तहत बुजुर्गों को राहत देने की दिशा में कई काम कर रही है,लेकिन कुछ जिम्मेदारी परिवार की भी बनती है

Latest stories

Related Stories